Nazakat Shayari. Har ladki sundar hoti hai chahe vo body se ho ya andar se. Uske andr pyari si Nazakat hmesha maujood hoti hai. To aaj hum nazakat shayari aapke liye lekr aaye hain.
Humne Niche nazakat shayari diye hue hain. Aap unhe dekhiye.
Nazakat par shayari
दिल के रिश्तों कि नज़ाकत वो क्या जाने ‘फ़राज’
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती हैं चोटें अक्सर।
aankho ki nazakat shayari
ये हुस्न ये अदा ये नज़ाकत ये बांकपन
सब खूबियां है तुझमें एक वफ़ा के सिवा।
waqt ki nazakat shayari
नज़ाकत ले के आँखों में वो उसका देखना .. तौबा
ईलाही हम इन्हें देखें – के उनका देखना देखें।
nazakat shayari in hindi
ये सलीका ये नज़ाकत,ये सज़दा और ये इबादत,
काफ़िर,लगता है तुझे किसी फ़रिश्ते ने छू लिया है।
nazakat shayari in urdu
उस नज़ाकत का बुरा हो वो भले हैं तो क्या
हाथ आवें तो उन्हें हाथ लगाए न बने।
nazakat shayari in english
उसकी हर एक अदाएँ मुझे घायल करती हैं ।
समझ नही आ रहा इसे उसकी नज़ाकत कहूँ या फिर क़यामत।।
कुछ ठोकरों के बाद नज़ाकत आ गई मुझ में
मैं अब दिल के मशवरों पर भरोसा नहीं करता।
nazakat shayari image
नाज़ है गुल को, नज़ाकत पे चमन में ऐ ‘जौक ‘,
उसने देखे ही नहीं नाज़ो -नज़ाकत वाले।
Must Read: Kiss day shayari
उठा के फूलों की पत्ती नज़ाकत से मसल दी
इशारों में कह दिया हम दिल का ये हाल करते है।
nazakat shayari rekhta
ज़िन्दगी भी मुझसे बे-अदबी से पेश आने लगी है,
इसको भी वक़्त की नज़ाकत का एहसास हो चला.।
rishton ki nazakat shayari
रिश्तों में नज़ाकत हो
हर दिल में शराफ़त हो,
इंसान के अंदर का
इंसान बस सलामत हो।
अल्लाह-रे उस गुल की कलाई की नज़ाकत
बलखा गई जब बोझ पड़ा रंग-ए-हिना का।
nazakat ki shayari
नज़ाकत कोसती है मुझ को क्या क्या
तबीअत आई अच्छी नाज़नीं पर।
सँभल सँभल के तो चलता है वो सितारा भी
तुम्हारी जैसी नज़ाकत से कम निकलता है।
nazakat bhari shayari
मुझे वो रखता है मसरूफ़ किस नज़ाकत से
कि ग़म से रिश्ता मेरा दूसरा निकल आया।
रह गया आँख में नज़ाकत से
दिल में नक़्शा तेरा उतर न सका।
shayari for nazakat in urdu
उस नज़ाकत का बुरा हो वो भले हैं तो क्या
हाथ आवें तो उन्हें हाथ लगाए न बने।
उठा के फूलों की पत्ती नज़ाकत से मसल दी
इशारों में कह दिया हम दिल का ये हाल करते है।
nazakat hindi shayari
ये लताफ़त, ये नज़ाकत, ये हया, ये शोख़ी
सौ दिए जलते हैं उमड़ी हुई ज़ुल्मत के ख़िलाफ़।
shayari on nazakat
फिर तो ब-सद-मसर्रत और सौ नज़ाकतों से
नाज़ुक बदन पे अपने पोशाक वो खपाईमैंने ।
आग़ोश-ए-तसव्वुर में भी खेंचा तो कहा
पिस गई पिस गई बेदर्द नज़ाकत मेरी।
shayari on nazakat in urdu
ख़ुद नज़ाकत पे न क्यूँ बोझ हो पर्दा तेरा
क्या किसी आँख ने देखा नहीं जल्वा तेरा।
पसीना आ गया उन को किया वा’दा जो आने का
बुरी है नाज़ बरादारी नज़ाकत आ ही जाती है।
shayari on nazakat in english
इक तुम्हारी ही नज़ाकत है जो है तुम पे गिराँ
वर्ना हर फूल में नाज़ुक-बदनी होती है।
nazakat par shayari
नुमाइश में तेरी नज़ाकत है पिन्हाँ
निगाहों को नाहक़ तिरी जुस्तुजू है।
nazakat shayari photo
अच्छी नहीं नज़ाकत-ए-एहसास इस क़दर
शीशा अगर बनोगे तो पत्थर भी आएगा।
nazakat shayari pic
ज़िन्दगी भी मुझसे बे-अदबी से पेश आने लगी है,
इसको भी वक़्त की नज़ाकत का एहसास हो चला.।
उठा के फूलों की पत्ती नज़ाकत से मसल दी
इशारों में कह दिया हम दिल का ये हाल करते है।
teri nazakat shayari
नाज़ है गुल को, नज़ाकत पे चमन में ऐ ‘जौक ‘,
उसने देखे ही नहीं नाज़ो -नज़ाकत वाले।
nazakat wali shayari
उसकी हर एक अदाएँ मुझे घायल करती हैं ।
समझ नही आ रहा इसे उसकी नज़ाकत कहूँ या फिर क़यामत।
nazakat shayari apnishayeri
ये सलीका ये नज़ाकत,ये सज़दा और ये इबादत,
काफ़िर,लगता है तुझे किसी फ़रिश्ते ने छू लिया है